क्या आपका New Year वाकई में Happy बनेगा?
आज सुबह मोबाइल खोला तो “मैसेज की भरमार” मोबाइल स्क्रीन को ऐसे जकड़ा हुआ था जैसे लोगों को ऐसा प्रतीत हो रहा है कि अगला नया साल आने ही वाला नहीं है इसलिए जितना हो सके उतना लोगों को मैसेज भेज दो
व्यवहारिक रूप से मैं इसे सही मानता हूं लेकिन जब मैं ढूंढ के कुछ खागालने की कोशिश करता हूं तो बिल्कुल खाली हाथ लौटता हूं
कहा गया है “बदलाव संसार का नियम है”
आप कितने भी बेहतरीन स्थिति में हो जब तक उसमें निरंतर बदलाव नहीं करेंगे तब तक आप उस में तरक्की नहीं देख पाएंगे और मैं इस नए साल को एक बदलाव के रूप में ही देखता हूं
लेकिन इस बदलाव के मायने होना चाहिए, क्या वाकई में न्यू ईयर को हैप्पी बनाने की कोशिश कर पा रहे हैं ?
या यह बस एक प्रक्रिया है जिसमें एक मैसेज आपको आता है और उसे आप आगे ना जाने कितने लोगों को पास कर देते हैं
मैं जानता हूं कि मैं बहुत गंभीर बात कर रहा हूं और शायद बहुत लोगों को इससे कुछ मतलब भी नहीं हैं, लेकिन मेरा यह लेख अगर दो-चार लोग भी पढ़ लिए और उसे आचरण में ले आए तो बहुत कुछ बदलाव देखने को मिल सकता है
हम कहने को तो नया साल का संदेश भेज रहे लेकिन कल से वही काम करेंगे जो हम करते आ रहे हैं
क्या कल से किसी गरीब का भूखा सोना बंद हो जाएगा ?
क्या कल से किसी सरकारी दफ्तर में घूस लेना बंद हो जाएगा ?
क्या कल से किसी बेटी की शादी करना आसान हो जाएगा ?
क्या कल से किसी नौजवान को अपने दम पर आसानी से नौकरी मिल जाएगा ?
क्या कल से किसी किसान को उसके वास्तविक मूल्य पर फसल बिक पाएगा ?
क्या कल से सामाजिक भेदभाव खत्म हो जाएगा ?
क्या कल से राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव देखने को मिलेगा ?
और ऐसे तमाम प्रश्न है जो मुझे यह प्रमाण देता है कि कहीं कोई बदलाव नहीं होने वाला है यह बस लोगों का एक जश्न मनाने का तरीका सा बन गया हैं
सीधी सी बात है जब तक आप के कारण किसी और के जिंदगी में हैप्पीनेस नहीं आएगा तो कैसे आपका साल हैप्पी न्यू ईयर बनेगा
जब तक आप खुद से बदलाव की पहल नहीं करेंगे तो संभव नहीं है कि दूसरे से बदलाव की चेष्टा करें
इसलिए मैं तो इस साल हर संभव प्रयास करूंगा कि न्यू ईयर को केवल अपने लिए ही नहीं दूसरे के लिए भी हैप्पी बना पाऊं
और यही मेरा न्यू ईयर का प्रण भी है कि ना गलत करूंगा और ना गलत होने दूंगा
आप में से किसी को अगर बात समझ में आए तो बहुत बहुत धन्यवाद |

नव वर्ष की ढेर सारी शुभकामनाएं !